ज़माने भर में मिलते हे आशिक कई,
मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता ।
नोटों में भी लिपट कर, सोने में सिमटकर मरे हे कई,
मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफ़न नहीं होता ।।
मंच पर उपस्थित समस्त आदरणीय गुरुजनों को मेरा सादर प्रणाम मैं आयुष कुमार सोनी विद्या के इस मंदिर में B.Ed चतुर्थ सेमेस्टर का नियमित विद्यार्थी आपके समक्ष गणतंत्र दिवस के इस अवसर पर एक छोटा सा भाषण प्रस्तुत करने जा रहा हूं........
आज हम सभी यहां बेहद खास अवसर गणतंत्र दिवस मनाने एकत्रित हुए हैं हर भारतवासी के लिए गणतंत्र दिवस केवल एक पर्व नहीं बल्कि गौरव और सम्मान का दिन है यह दिवस हर भारतीय का अभिमान है अनगिनत लोगों की कुर्बानी के बाद भारत मां को 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली थी लेकिन उसे पूर्ण स्वतंत्रता का आकार 26 जनवरी 1950 को मिला क्योंकि इसी दिन हमारा संविधान लागू हुआ था भारत का संविधान एक लिखित संविधान है हमारे संविधान को बनने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन का वक्त लगा था 395 अनुच्छेदों और 8 अनुसूचियों के साथ भारतीय संविधान दुनिया में सबसे बड़ा लिखित संविधान है 26 जनवरी 1950 को डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने गवर्नमेंट हाउस के दरबार हाल में भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी भारत के पहले गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकण थे गणतंत्र का अर्थ है देश में रहने वाले लोगों की सर्वोच्च शक्ति और सही दिशा में देश के नेतृत्व के लिए राजनीतिक नेता के रूप में अपने प्रतिनिधि को चुनने के लिए केवल जनता के पास अधिकार है इसीलिए भारत एक गणतंत्र देश है जहां आम जनता अपना नेता प्रधानमंत्री के रूप में चुनती है भारत में पूर्ण स्वराज के लिए हमारे महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने बहुत संघर्ष किया उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी जिससे कि हमारी आने वाली पीढ़ी को कोई संघर्ष ना करना पड़े और हम देश को आगे लेकर जा सके हमारे देश के महान नेता और स्वतंत्रता सेनानी महात्मा गांधी भगत सिंह चंद्रशेखर आजाद लाला लाजपत राय सरदार वल्लभभाई पटेल एवं लाल बहादुर शास्त्री जी है
भारत को एक आजाद देश बनाने के लिए इन लोगों ने अंग्रेजो के खिलाफ लगातार लड़ाई लड़ी अपने देश के लिए हम इनके समर्पण को कभी नहीं भूल सकते हैं हमें ऐसे महान अवसरों पर इन्हें याद करते हुए सलामी देनी चाहिए केवल इन लोगों की वजह से ही यह संभव हुआ कि हम अपने दिमाग से सोच सकते हैं और बिना किसी दबाव के अपने राष्ट्र में मुक्त होकर रह सकते हैं भारत के एक नागरिक के रूप भारत के एक नागरिक के रूप में हमें अपने देश को आगे बढ़ाने के लिए सभी मुमकिन प्रयास करने चाहिए हमें जिम्मेदारी लेनी चाहिए तथा सामाजिक मुद्दों जैसे गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा ग्लोबल वार्मिंग, असमानता आदि से अवगत रहना चाहिए और अपने स्तर पर योगदान देना चाहिए गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ पर तिरंगा फहराया जाता है फिर राष्ट्रगान गाया जाता है और 21 तोपों की सलामी होती है 1957 में सरकार ने बच्चों के लिए राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार शुरू किया था बहादुरी पुरस्कार 16 साल से कम उम्र के बच्चों को अलग-अलग क्षेत्र में बहादुरी के लिए दिया जाता है गणतंत्र दिवस के मौके पर अशोक चक्र और कीर्ति चक्र जैसे महत्वपूर्ण सम्मान दिए जाते हैं इसके बाद हमारी भारतीय सेना अपना शक्ति प्रदर्शन और परेड मार्च राजपथ पर करती है इसी प्रकार 26 जनवरी 1950 को देश में अपना संविधान ,अपनी सरकार ,अपना राष्ट्रपति और राष्ट्रीय ध्वज हो जाने पर भारत वर्ष विश्व का सबसे बड़ा गणतंत्र राष्ट्र बन गया।
दे सलामी इस तिरंगे को
जिससे तेरी शान है...............
सर हमेशा ऊंचा रखना इसका
जब तक दिल में जान है.........
अब मैं आयुष कुमार सोनी अपने शब्दों को यही पर विराम देना चाहता हूँ और आप सभी का भाषण सुनने के लिए तह दिल से धन्यवाद करना चाहता हूँ।
जय हिन्द.....
जय भारत.....
जय छत्तीसगढ़.......
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