राम सेतु जिसको देखकर नासा के वैज्ञानिकों की नींद उड़ गई | विशाल समुद्र के बीच में स्थित राम सेतु यहां से श्रीलंका मात्र 5 किलोमीटर दूर है | रामायण के प्रमाण यहां साक्षात दिखाई देते हैं | पत्थर पर राम लिखते ही पत्थर पानी में तैरने लगता है डूबता नहीं है | My 17th Article Written By Ayush Kumar Soni 🎯
(17th Article)
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राम सेतु जिसको देखकर नासा के वैज्ञानिकों की नींद उड़ गई | विशाल समुद्र के बीच में स्थित राम सेतु यहां से श्रीलंका मात्र 5 किलोमीटर दूर है आधी हकीकत आधा फसाना की टीम News 18 india यहां पर जाने के बाद चौंक जाती है | रामायण के प्रमाण यहां साक्षात दिखाई देते हैं | पत्थर पर राम लिखते ही पत्थर पानी में तैरने लगता है डूबता नहीं है संपूर्ण जानकारी हिंदी भाषा में |
भगवान श्री राम के बारे में मैं क्या लिखूं उन्होंने मुझे खुद लिखा है भगवान श्री राम तो अनंत हैं हम सभी जानते हैं की मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी 14 वर्ष के वनवास के दौरान भारत के विभिन्न स्थानों से गुजरे थे | माता सीता को जब घमंडी रावण हरण करके पुष्पक विमान से लंका ले गया था तो श्री राम जी ने माता सीता को रावण के चंगुल से छुड़ाने के लिए रामसेतु का निर्माण करवाया था |
आपको विश्वास नहीं होगा जानकर यकीन नहीं होगा दिमाग आश्चर्य में पड़ जाएगा की भारत के रामेश्वरम में समुद्र तट के बीचो-बीच धनुषकोडी करके एक जगह मिलती है
जिसको उपग्रह की मदद से वैज्ञानिकों द्वारा खोजा गया है समुद्र के बीचो-बीच ऐसी जगह जो एक सेतु का निर्माण करती है भारत से श्रीलंका को जोड़ती है जब वैज्ञानिकों ने उपग्रह की मदद से इसकी सेटेलाइट तस्वीर देखी तो उनका दिमाग आश्चर्य में पड़ गया वह भी सोचने लगे कि यह क्या चीज है
वाकई में बहुत रहस्यमई है यह राम सेतु जब विश्व प्रसिद्ध NASA नासा की टीम इन तस्वीर को देखते हैं यहां के चमत्कार को नमस्कार करते हैं नासा के वैज्ञानिक समझ नहीं पाते यहां का चमत्कार समझ नहीं पाते यहां का नियम और समझ नहीं पाते यहां का सिद्धांत
मैं हमेशा कहता हूं बार-बार सभी आर्टिकल में कहता हूं विज्ञान में अध्यात्म का नियम नहीं चलता और अध्यात्म में विज्ञान का नियम नहीं चलता दोनों एक दूसरे के विपरीत कार्य करते हैं यहां पर विज्ञान फेल हो जाता है धनुषकोडी से थोड़ी दूर समुद्र तट में भारत की समुद्री सीमा चालू हो जाती है यहां से 56 किलोमीटर दूर समुद्री सीमा में श्रीलंका की सीमा जुड़ जाती है अब आप खुद सोचिए क्या कोई व्यक्ति यहां पर जाकर यह सेतु का निर्माण करेगा
सौ बात की एक बात साक्षात मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने इस रामसेतु का प्रयोग किया और लंका गए यहां पर उनके पद चिन्ह भी दिखाई देते हैं और यहां पर कई ऐसे पत्थर हैं जो पानी में नहीं डूबता उन पर यदि श्री राम जी का नाम लिख दे तो वह नहीं डूबेंगे पत्थर तैरने लगते हैं पानी में अब चमत्कार को नमस्कार आप भी कीजिए आप इसकी तस्वीर वीडियो इंटरनेट पर देख सकते हैं गूगल पर देख सकते हैं वेबसाइट पर देख सकते हैं बहुत अच्छे-अच्छे तस्वीर आपको दिखाई देगी मैं भी एक विज्ञान विषय का मेधावी विद्यार्थी हूं जब मैं विज्ञान के जानकारों को इस जानकारी को भेजा वह भी इस चीज को नहीं समझ सके समस्त बड़े-बड़े वैज्ञानिक यहां पर आकर रिसर्च कर रहे हैं रिसर्च चल रही है और आगे भी चलती रहेगी विज्ञान को समझना होगा मानना होगा जानना होगा कि भगवान होते हैं साक्षात दिखाई देते हैं हमारे बीच में कई ऐसे व्यक्ति हैं जिनको साक्षात में भगवान का दर्शन हुआ है ऐसे ही एक व्यक्ति हैं रामकृष्ण परमहंस जी आपने भी इनके बारे में सुना होगा कहते हैं साक्षात मां काली इनको खाना खिलाने के लिए धरती में आती थी |
मैं तो मानता हूं कि बाकी में यह राम सेतु है जो कि यहां पर स्वयं भगवान श्री राम द्वारा बनाया गया है उनकी सेना द्वारा बनाया गया है |
अगला आर्टिकल जल्दी लिखूंगा इंतजार कीजिए ज्यादा से ज्यादा शेयर कीजिए 🙏
आपको यह आर्टिकल कैसा लगा अपना कमेंट इस नंबर पर व्हाट्सएप कर सकते हैं एक बात मैं आप सभी से कहना चाहता हूं यदि भगवान नहीं होते तो इस दुनिया को कौन चलाता है ?
अनजान नंबर से फोन ना करें.....
आयुष कुमार सोनी
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